अमेरिका / उबर ने ड्राइवरों को कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया, न्यूजर्सी प्रशासन ने 4.5 हजार करोड़ का जुर्माना लगाया

वॉशिंगटन. अमेरिका के न्यूजर्सी में उबर पर 65 करोड़ डॉलर (करीब 4.5 हजार करोड़ रुपए) का जुर्माना लगाया गया है। कंपनी को श्रम कानून के उल्लंघन का दोषी पाया गया है। न्यूजर्सी प्रशासन के अफसरों के मुताबिक, उबर ने अपने ड्राइवरों को कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया था। कंपनी उनसे स्वतंत्र श्रमिक की तरह काम करा रही थी। श्रम विभाग ने इसे गलत वर्गीकरण मानते हुए उबर को रोजगार टैक्स के तहत तय रकम चुकाने का आदेश जारी किया। 


न्यूजर्सी प्रशासन के इस फैसले को अमेरिका की 'गिग इकोनॉमी' के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। गिग इकोनॉमी में कंपनियां लोगों को कर्मचारी नियुक्त करने के बजाय कॉन्ट्रैक्ट पर रखे गए श्रमिक की तरह काम कराती है। श्रम अधिकारियों के मुताबिक, इस तरह के वर्गीकरण से श्रमिकों को औपचारिक तनख्वाह में नुकसान उठाना पड़ता है। साथ ही जिस राज्य में वे काम करते हैं, उसके राजस्व में भी कमी आती है। 


कैब-राइड शेयरिंग कंपनियों का खर्च बढ़ेगा


श्रम विभाग ने उबर को 4 साल का बकाया 52.3 करोड़ डॉलर (करीब 3754 करोड़ रुपए) टैक्स चुकाने का निर्देश दिया है। इसके अलावा उबर को टैक्स पर करीब 11.9 करोड़ डॉलर (854 करोड़ रुपए) ब्याज भी चुकाना होगा। श्रम विभाग ने इसके लिए उबर को पत्र भी लिखा है। इंडस्ट्री के अनुमान के मुताबिक, अगर रेगुलेटर्स और कोर्ट ने कैब-राइड शेयरिंग कंपनियों को ड्राइवरों को कर्मचारी के रूप में वर्गीकृत करने का आदेश दे दिया, तो उबर और लिफ्ट पर 20 से 30% श्रमिक खर्च बढ़ जाएगा।  


ड्राइवरों के वकील ने कहा- उबर ओवरटाइम का पैसा तक नहीं देती
न्यूजर्सी में पिछले साल कुछ उबर ड्राइवरों ने कम तनख्वाह और भत्ते न देने का का मुद्दा श्रम विभाग के सामने उठाया था। इस पर न्यूजर्सी प्रशासन ने ऑडिट कराया। ऑडिट में सामने आया कि उबर के अलावा भी कई कंपनियां गिग इकोनॉमी को बढ़ावा दे रही हैं। ड्राइवरों की तरफ से केस लड़ने वाले वकील रूजवेल्ट एन नेस्मिथ ने कहा कि उबर यह तो नियंत्रित करती है कि कौन उनका ड्राइवर बनेगा और कौन कितना काम करेगा। लेकिन उन्हें ओवरटाइम का भुगतान नहीं करती। कई बार तो जब कंपनी ड्राइवरों से अपनी कार चलाने का पैसा काटती है तो उनके पास न्यूनतम मजदूरी भी नहीं बचती। 


उबर ने कहा- ड्राइवर स्वतंत्र कॉन्ट्रैक्टर की श्रेणी में
न्यूजर्सी प्रशासन के आदेश पर उबर ने भी जवाब दिया। कंपनी का कहना है कि श्रम ‌विभाग का फैसला गलत है, क्योंकि ड्राइवर स्वतंत्र कॉन्ट्रैक्टर की श्रेणी में आते हैं, जो अपनी मर्जी से काम करने के लिए आजाद हैं।